Thursday, May 5, 2016

Er Rational musings #479

Er Rational musings #479



https://youtu.be/GSNl-9gkMl4



उठे सबके कदम, तरा रम\-पम\-पम

अजी ऐसे गीत गाया करो

कभी खुशी कभी ग़म,

तरा रम\-पम\-पम

हंसों और हंसाया करो



वो प्यारे दिन और वो प्यारी रातें

याद हमे हैं वो मुलाकातें

नहीं कोई ग़म मुझे नहीं है गिला

ज़िंदगी की राह में मिला है

जबसे तू मेरे हमदम शबनम हम हैं

और तुम शोला बन जाया करो

कभी खुशी ...



रँग नया है रूप नया है

जीने का तो जाने कहाँ ढंग गया है

किसे है फ़िकर इन्हें क्या पसंद

प्यार के जहाँ में रज़ामंद

जब हम तुम तुम हम बन गए हैं सनम

बेधड़क मेरे घर आया करो

कभी खुशी ... ला ला ...



लता मंगेशकर, अमित कुमार व पर्ल पदमसी (!) यांन्नी गायलेलं, अमित खन्ना ने लिहिलेलं व अमोल पालेकर टीना मूनीम यांच्यावर चित्रीत झालेलं गीत. संगीत राजेश रोशन.



हलक फूलरं, हलरं फुलकं, हलकं फूलकं, मनाला आनंद देणारं आवडतं गाणं! हल्लीचे परवलीचे शब्द - आयुष्य खूप सुंदर आहे (life is beautiful) समजावणारं. मस्त जगा, मजा करा, खूशीत रहा, प्रेमाने वागा.



अती सुरेख.



Love Life ♔ King-size...

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मिलिंद काळे, 5th May 2016

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