Thursday, September 17, 2015

Er Rational musings #26

Er Rational musings #26



मोरया रे बाप्पा मोरया रे...



श्री तुझे रूप, श्री तुझे मुख, श्री तुझे ध्यान

आगमन वंदनीय पूजनीय, देई समाधान



श्री तुझी किर्ती, श्री तुझी भक्ती, श्री तुझी मूर्ती

करो पाप क्षालन दुष्ट संहार, कामना पूर्ती



श्री तुझे नाम, श्री तुझा ठाव, श्री तुझी आरती

देवो सद्बुद्धि दूरद्रृष्टी, मंगलमय यशोज्योती



श्री चरणी नतमस्तक, संपूर्ण लोटांगण शरण

क्रृपासिंधू क्रृपाद्रृष्टी मस्तकी आशिर्वाद प्राण!

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मिलिंद काळे, 17th September 2015

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